सुकून

सुकून 

"ज़िन्दगी  के कुछ बीते पल जिनकी यादें धुंदली सी हैं, मैंने  जब आइना देखा तो समझ आया आँखें  कुछ भीगी सी है "

मेरे लिए सुकून है अपनों के साथ बातें करना ,अपनों के साथ अच्छे पल बिताना। काम मेरे लिए सिर्फ रूपया कमाने का जरिया है, मुझे अपने काम से बेशक ख़ुशी मिलती है पर मुझे किसी से प्रतिद्वंद्विता नहीं है बल्कि मेरा प्रतिध्वंद्वी  मैं खुद हूँ. मैं जो कल था उससे बेहतर आज करने की कोशिश करना मेरा काम है। आज के लिए जीना मैंने बहुत जल्दी सीख लिया है दरअसल आज जीने मैं जो मज़ा है वह किसी बात मैं नहीं। कल की चिंता हर किसी को ज़ेहन मैं होती है उसका होना स्वाभाविक है, पर जिसने कल देखा ही नहीं उसके लिए आज खुल के जीना एक अद्भुत अनुभव से कम नहीं हो सकता। अपने कर्त्तव्य से साथ साथ जो दिल मैं आये करें उसी मैं ख़ुशी छुपी होती है।

अपनी ज़िन्दगी के हर मोड़ पर साथियों का योगदान अपार रहा है, फिर भी मैं सबसे ज़्यादा भगवान का शुक्रगुज़ार हूँ की उन्होंने मुझपर हमेशा कृपा बनाये रखी और  हर पल मुझे यह याद दिलाते रहे की आसानी से कुछ मुकाम हासिल करने मैं वह मज़ा नहीं जो मेहनत से करने मैं हैं।


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